ये दिल शीशा नहीं जो टूट के जुड़ न सके, | Shayari Copy - All Shayari Collection

ये दिल शीशा नहीं जो टूट के जुड़ न सके,


ये दिल शीशा नहीं जो टूट के जुड़ न सके,
प्यार की मलहम लगवा कर तो देखो ज़रा ।

आईना तो कह जायेगा सच्ची बात सनम,
दिल के आईने में झाँक के तो देखो ज़रा ।

तुम खुद से ही बात कर के रो लेते हो क्यों,
हमसे दिल की बात कह के तो देखो ज़रा ।

हम भी ज़ुदा तो नहीं हैं दुनिया से लेकिन,
कभी हमको आज़मा कर के तो देखो ज़रा ।

कब तक चुपचाप बैठे रहोगे ग़मगीन हो कर यूँ,
मेरी नज़रों से दुनिया पहचान के तो देखो ज़रा ।
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Good morning ♥️

via #Lazy Boy

LazyBoy0007

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