पर मै हैरान हूँ.. !!
वो मुझे आज तक मिली नही..
ऐसा भी नहीं है कि
मैने उसे सही से तलाशा नही
मै गया था
वहां जिस ओर
दर्शन ,जाति और समाज
इशारा करते हैं
उस अड्डे पर
मै उन तमाम
औरतों के पास भी गया
जो देह को लेकर
बाजार सजाती थी ..
जो क्लबो मे अर्धनग्न हो..
नाचती गाती थी ...
जो हर रोज वासना के
नये नये किरदार निभाती थी ..
पति से आंखे चुरा..
गैर मर्द की बाहों मे प्रेम ढूढंती थी ..
मैने वो तमाम औरते देखी...
पर मै हैरान था.. !!
उनमें कही भी....
वो चरित्रहीन औरत नही थी
हां मजबूर औरते ज़रूर दिखी
पर वहां हर औरत के पीछे
एक पुरुष जरूर छिपा था
कायर कामुक वासना की कीचड़ मे
सर से पांव तक लिपत ..!!
शायद यही था....वो..
जिसने सबसे पहले
औरत को चरित्रहीन कहा..
प्रिय दोस्तों..
अगर पुरुष चरित्रवान होते
तो कभी कोई स्त्री चरित्रहीन नहीं कहलाती.. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अपने सभी भाईयो और दोस्तो से माफी चाहता हूं जिनको मेरी पिछली पोस्ट बुरी लगी उन्होंने अपनी तमीज संस्कार कमेंट पर ही दिखा दिए जब उन्होंने अपशब्द ( मा की गाली) दी,
तो भाईयो ये पोस्ट और आपको शायद बुरी लगे पर हमारी कलम नहीं रुकेगी,
जिनको भी बुरी लगे तो हम पहले ही माफी चाहते है ऐसे इंसान जिनको तमीज नहीं कृपया हमारी पोस्ट पर ना आए
धन्यवाद
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